उत्पाद विवरण
  
    मिपाटेक्स वर्मी कम्पोस्ट बेड्स आधुनिक जैविक खेती के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए हैं। 
    ये बेड जैविक खेती में व्यापक रूप से उपयोग किए जाते हैं और किसानों को उच्च गुणवत्ता वाली जैविक खाद तैयार करने में मदद करते हैं। 
    बेड तैयार करने के बाद, खाद बनाने की प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में होती है:
  
  
    - पहली परत के रूप में मिट्टी डालें।
- दूसरी परत के रूप में कटी हुई सूखी पराली डालें, जो नमी बनाए रखती है और केंचुओं के लिए उचित वायुसंचार सुनिश्चित करती है।
- नमी बनाए रखने के लिए पराली पर हल्का पानी छिड़कें। (नमी स्तर 40–50% से अधिक न हो।)
- आमतौर पर खाद 60–80 दिनों में तैयार हो जाती है।
मुख्य विशेषताएं
  
    - स्थापित करने में आसान: हीट-सील पॉकेट्स में खूंटियां या पाइप डाले जा सकते हैं ताकि वर्मी बेड सीधा खड़ा रहे। स्थापना तेज है और बेड को आसानी से स्थानांतरित या पुनः स्थापित किया जा सकता है।
- यूवी प्रतिरोधी: उच्च गुणवत्ता वाले यूवी स्टेबलाइज़र से निर्मित जो धूप और मौसम के कारण होने वाले नुकसान से सुरक्षा प्रदान करते हैं।
- पर्यावरण के अनुकूल: कम्पोस्टिंग घरेलू कचरे को 30% तक कम करती है, जिससे लैंडफिल पर भार घटता है। तैयार जैविक खाद मिट्टी की गुणवत्ता को प्राकृतिक रूप से सुधारती है।
- वर्मीवॉश आउटलेट: नीचे की ओर एक आउटलेट दिया गया है जिससे वर्मीवॉश एकत्र किया जा सकता है — यह एक प्राकृतिक तरल है जो जैविक खाद और कीटनाशक दोनों का कार्य करता है।
विशेष विवरण
  
    
      | सामग्री | एचडीपीई | 
    
      | ब्रांड | मिपाटेक्स | 
    
      | रंग | हरा | 
    
      | निर्माण देश | मेड इन इंडिया | 
    
      | गुणवत्ता | 450, 350, 250 जीएसएम | 
    
      | उपकरणों की संख्या | 1 | 
  
 
         
      
            
                Terms and Conditions
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